inspirational poetry कागज में गलती से बिखरी स्याही नहीं, तू तो बेबाक खूबसूरत कहानी है, सिमटी तेरी जिंदगी नीरस नहीं, तेरी तो सरफरोशी वाली जवानी है। बंद घरों में कैद
Category: Deshbhakti Poetry in Hindi

Deshbhakti Poetry In Hindi । मैं बहा दूं खून दुश्मनो काDeshbhakti Poetry In Hindi । मैं बहा दूं खून दुश्मनो का
Deshbhakti Poetry in Hindi अगर सरहदों में बिकता खून मेरा, तो भारत माँ भी कहती कि तू मेरी संतान नहीं, पर मैं तो हूं वह सिपाही, जिसे जंग में पीछे

Amazing deshbhakti poetry l मातृभूमि तुझे प्रणामAmazing deshbhakti poetry l मातृभूमि तुझे प्रणाम
DESHBHAKTI POETRY भीतर करुणा बाहर करुणा, करुणा जीवन का विस्तार। सेवा प्रेम अहिंसा संयम, सारा करुणा का परिवार। हे मातृभूमि !तुझे शत-शत प्रणाम। रख ह्रदय में अपनी संस्कृति, करती जो

Deshbhakti kavita l मैं सैनिकDeshbhakti kavita l मैं सैनिक
Deshbhakti kavita in Hindi Deshbhakti kavita मैं सैनिक… तिरंगे में लिपटा हुआ मैं खून से सना, सरहद में बैठा मैं लड़ता रहा। तूफान का आंधियों का मंजर मैं सहता रहा,

Deshbhakti Poetry in Hindi । गोरव क्रांति वीर बने हम 🇮🇳Deshbhakti Poetry in Hindi । गोरव क्रांति वीर बने हम 🇮🇳
Deshbhakti Poetry in Hindi गौरव क्रांति वीर बने हम, मातृभूमि का हम पर साया है। ऐ तिरंगे तेरी शान में मिटने एक जूनुन सा छाया है। मिटे भी तो गम