Motivational Poetry के अंतर्गत अभिमान हो तुम शब्द से तात्पर्य अपनी अंर्तआत्मा से है,हमारी अंर्तआत्मा को प्रेरित करने के उद्देश्य से यह कविता लिखी गई है। (motivational poem in Hindi)
दोस्तों जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियाँ आती है जब हम हताश और निराश हो जाते है,उस वक्त हमें जरूरत होती प्रेरक विचारों की,शब्दों की, प्रेरक भावनाओ की और प्रेरक कविताओं की(motivation Poetry)। इस कविता के माध्यम से हम स्वयं को प्रेरित कर अपने लक्ष्य की ओर जोश के साथ आगे बढ सकते हैं।
स्वयं पर विश्वास करना ही सफलता की पहली कुंजी होती है,और सफल बनने के लिए समय-समय पर खुद को प्रेरित करना भी अति आवश्यक होता है।
तुम मेरा मान हो,
सम्मान हो तुम।
जिस पर गर्व है मुझे,
वो अभिमान हो तुम।
मेरे ह्रदय में छवि तुम्हारी,
इस ह्रदय में विराजमान हो तुम।
सदा चले जो साथ मेरे,
मेरे लिए अविराम हो तुम।
तुम मेरा मान हो,
सम्मान हो तुम।
जिस पर गर्व है मुझे,
वो अभिमान हो तुम।
तुम उठो बढ़ो आगे,
मेरे मन का भाव हो तुम।
कीमती है जो सबके लिए,
ऐसा मधुर स्वभाव हो तुम।
तुम मजबूर नहीं,
क्योंकि मजबूत हो,
निडरता का परिणाम हो तुम।
तुम मेरा मान हो,
सम्मान हो तुम।
जिस पर गर्व है मुझे,
वो अभिमान हो तुम।
MOTIVATIONAL POETRY । ABHIMAAN HO TUM
tum mera maan ho,
sammaan ho tum.
jis par garv hai mujhe,
vo abhimaan ho tum.
mere hraday mein chhavi tumhaari,
is hraday mein viraajamaan ho tum.
sada chale jo saath mere,
mere liye aviraam ho tum.
tum mera maan ho,
sammaan ho tum.
jis par garv hai mujhe,
vo abhimaan ho tum.
tum utho badho aage,
mere man ka bhaav ho tum.
kimati hai jo sabake liye,
aisa madhur svabhaav ho tum.
tum majaboor nahin,
kyonki majaboot ho,
nidarata ka parinaam ho tum.
tum mera maan ho,
sammaan ho tum.
jis par garv hai mujhe,
vo abhimaan ho tum.
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Best 👍
Very nice Poetry👏👏
Waoo….👍nice fellings….❤