Poem on women empowerment जलती रही तेरे झूठे अभिमान के अंगारों में, अब लौह बनकर निकलूंगी, जो छुआ तूने मुझे तो सबसे बुरा तेरा हश्न करूंगी। बहुत गुरूर है तुझे

Poetry for women’s Day । नारी तू प्रयास कर🌹Poetry for women’s Day । नारी तू प्रयास कर🌹
Poetry for women’s Day in hindi चल निकल प्रथस्त पथ पर, इस धरती का अभिमान हैै तू, हृदय भी दे दूँआ जिसे देखकर, उस मां की श्रवण कुमार है तू।

Beti par kavita । हक देती नहीं मैंBeti par kavita । हक देती नहीं मैं
Beti par kavita in hindi बेटी पर कविता हक देती नहीं मैं उन्हें जो कहते हैं, बेटी पराया धन होती है। आज भी हमारे देश में बेटी कि तुलना क्या